लखनऊ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जतायी थी। उन्होंने छोटा परिवार रखने को देशभक्ति बताया था। इस घोषणा के छह माह बाद यूपी की योगी आदित्य सरकार ने खुलासा किया है कि वह जल्द ही जनसंख्या नियंत्रण कानून लाएगी। सूबे की जनसंख्या नियंत्रण नीति में यह प्रावधान होगा कि जिनके दो या तीन से अधिक बच्चे होंगे उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।
यह जानकारी आज यहां प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने दीं।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सूबे की सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध है। हालांकि उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कानून से जुड़ी नीति का कोई खुलासा तो नहीं किया लेकिन विश्वस्त सूत्रों के अनुसार सरकार 3 बच्चों तक की जनसंख्या नियंत्रण नीति बना सकती है। इससे अधिक जिन लोगों के बच्चे होंगे, उन्हें सरकारी नौकरियों से वंचित किया जा सकता है। मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार जनसंख्या नियंत्रण नीति पर तेजी से काम कर रही है। सरकार जल्द ही जनसंख्या नियंत्रण संबंधी कानून को विधानसभा में ला सकती है।
विभिन्न राज्यों का कर रहे हैं अध्ययन: स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जिन-जिन राज्यों ने किसी प्रकार की नीतियां बनाई हैं। उन तमाम चीजों का अध्ययन उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी कर रहे हैं। पूरे देश की जनसंख्या नियंत्रण नीति का अध्ययन करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार एक बेहतर जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करेगा। उन्होंने कहा कि सही वक्त आने पर जनसंख्या नियंत्रण नीति से जुड़े हुए तमाम नियम और कायदे उजागर कर दिए जाएंगे।
कानून बनाने के पहले भी हो चुके हैं प्रयास
इससे पहले यूपी सरकार ने कई कार्यक्रमों के दौरान इस बात का इशारा किया था कि यूपी सरकार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून या नीति बनाना चाह रही है। उधर, पीएम मोदी के पहले अटल बिहारी सरकार ने भी बढ़ती आबादी पर काबू पाने के लिए 2000 में वेंकटचलैया आयोग गठित किया था। इस आयोग ने भी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की सिफारिश की थी। समीक्षा आयोग (वेंकटचलैया आयोग) ने संविधान में आर्टिकल 47्र जोडऩे और जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने का सुझाव दिया था। इसके पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हम दो-हमारे दो का नारा दिया था।
मंत्री निरंजन ज्योति ने भी की थी तरफदारी
तीन दिन पहले मथुरा में एक कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा था कि केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के बाद अब जनसंख्या नियंत्रण कानून ला सकती है। निरंजन ज्योति ने कहा था, 2019 से पहले मैंने प्रधानमंत्री से चर्चा की थी। तब कहा था कि आप चाहे जितनी सडक़ें बनाएं, कितने भी आवास बनाएं या फिर चाहे जितने मेडिकल कॉलेज खड़े करें. जब तक तेजी से बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं लगेगा, बहुत ज्यादा कामयाब नहीं हो पाएंगे।
मंत्री गिरिराज ने वोटिंग अधिकार खत्म करने की वकालत की
पिछले माह केन्द्रीय मत्स्य और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह का बयान आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण पर ऐसा कानून आना चाहिए कि जो ना माने, उसका वोटिंग का अधिकार ही खत्म कर देना चाहिए। ऐसे लोगों पर आर्थिक और कानूनी प्रतिबंध भी लगाना चाहिए।
आरएएस प्रमुख के दो बच्चों वाले बयान पर हो चुका है विवाद
इसके पहले जनवरी माह में मुरादाबाद में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बढ़ती जनसंख्या पर काबू पाने के लिए दो बच्चों की नीति बनाने की वकालत की थी। तब उनके बयान पर हंगामा खड़ा हो गया था। तब उन्हें अपने बयान पर बरेली में सफ़ाई देनी पड़ी थी।
हर मिनट में पैदा होते हैं 33 बच्चे
मौजूदा समय में 124 करोड़ भारतीयों के पास आधार है। लगभग 20 प्रतिशत नागरिक (विशेष रूप से बच्चे) बिना आधार के हैं। 5 करोड़ बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिये अवैध रूप से भारत में रहते हैं। इस तरह देश की जनसंख्या 135 करोड़ के पार जा चुकी है। भारत में जनसंख्या वृद्धि भी तेज है। चीन में जहां प्रति मिनट 11 बच्चे पैदा होते हैं वहीं भारत में प्रति मिनट 33 बच्चे पैदा होते हैं।