याचना नहीं रण होगा

*याचना नही अब रण होगा, संघर्ष महाभीषण होगा*
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                                                    *जनसंपर्क विभाग मे कमीशन का खेल?


भोपाल -- राज्य शासन की दैनिक समाचार पत्रों की सूची औऱ केन्द सरकार की davp सूची को  जनसंपर्क विभाग के विज्ञापन शाखा अधिकारियों ने दो भागो में बाट रखा है !
जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों  की खोपड़ी भ्रष्ट्राचार करने के नये नये तरीको का आविष्कार कर रही है ! तब ही तों मध्यप्रदेश शासन की सूची के अख़बारों को महत्व देने के बजाए उल्टा उन्हें नज़रंदाज़ कर विज्ञापन बंद करने जैसी स्थिति बनाकर डीएवीपी के अख़बारों को जमकर विज्ञापन देकर लाखो/करोड़ो का कमीशन लिया जा रहा है ! 


*राज्य शासन की दर एवं DAVP की दर का गणित समझे*
राज्य सरकार की दर 9.97 पैसे है राज्य दर कम होने के कारण एक पेज (1680sq.cm) 16000/रु ,का होता है वही हाफ पेज  (825sq.cm) 8000/रु का तथा (400sq.cm) 4000रु का होता है लेकिन davp की दरे अगल अगल है 25.85 से लेकर 403.93 पैसे तक है davp दर के अनुसार यही (1680sq.cm) का फुल पेज 06 लाख 78 हज़ार से भी ज़्यादा का होता है (825sq.cm) का हाफ पेज 03 लाख 39हज़ार का औऱ क्वॉर्टर पेज (400sq.cm) 01 लाख 69 हज़ार का होता है  यही कारण है  के davp के अख़बारों को जमकर विज्ञापन दिया जा रहा है औऱ उनसे मोटा कमीशन ऐंठा जा रहा है !  जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने अधिक कमीशन प्राप्त करने की लालच में मप्र शासन के सूची के अख़बारों को नज़रंदाज़ कर विज्ञापन देना बंद कर दिये है कुछ चुनिंदा अख़बारों को ही विज्ञापन दिये जा रहे है !


*davp के नाम पर दिल्ली,मुंबई ,चेन्नई,कोलकता,रांची, हैदराबाद,नागपुर, पटना, झांसी,कानपुर,जयपुर ,कोटा, उदयपुर,जालंधर,आगरा,  लखनऊ,अमदाबाद,    इलाहाबाद,बेंगलौर,चंडीगढ़, रायपुर,बिलासपुर, सिकंदराबाद,को दिये जा रहे विज्ञापन*


मध्यप्रदेश राज्य दर के अखबारो को छोड़कर अन्य राज्यों के अखबारों को davp के नाम पर विज्ञापन दिये जा रहे है ! जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों का मध्यप्रदेश के अखबारों के साथ सौतेला व्यवहार खुलकर किया जा रहा है , ऊपर से लेकर नीचे तक बैठे जिम्मेदार इन म प्र के अख़बारों को विज्ञापन ना देने का षड़यन्त्र रच रहे है ! 


*davp के अख़बारों को बनाया धंधा*
जनसंपर्क विभाग के विज्ञापन शाखा के अधिकारियों ने davp को अपना धंधा बना लिया है ! विज्ञापन शाखा के अधिकारियों ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को उल्टी सीधी पट्टी पड़ा दी है , वरिष्ठ अधिकारियों को इनकी शातिर चालों को समझना चाहिऐ , ये अधिकारी सिर्फ़ अपना स्वार्थ देख रहे है इन्हें प्रदेश सरकार की धूमिल हो रही छवि से कोई लेना देना नही है ! जनसंपर्क विभाग के इन कमीशनखोर अधिकारियों के कारण ही कमलनाथ सरकार की खूब किरकिरी हो रही है !


*मध्यप्रदेश के बाहर के davp अखबारों को विज्ञापन देने पर रोक लगे*
मध्यप्रदेश की राज्य दर के अखबारों को प्राथमिकता दी जाऐं उन्हें प्रतिमाह 10 हज़ार स्का.सेंमी का विज्ञापन फिक्स किया जाऐं वही मध्यप्रदेश के davp के अख़बारों को भी 10 हज़ार स्का.सेंमी का विज्ञापन प्रतिमाह दिया जाये,षड़यन्त्र के तेहत प्रदेश के बाहर के davp अखबारो को लाखों रूपए के विज्ञापन प्रतिमाह दिये जा रहे है ! प्रदेश के बाहर के davp अख़बारों के विज्ञापन बन्द किये जाये ! इनके विज्ञापनों पर सख्ती से रोक लगाई जाए ,क्योकि इनको विज्ञापन देने से प्रदेश सरकार को कोई लाभ नही होने वाला सिर्फ़ यहा के अधिकारी अपनी जेब भरने के लिए इन्हें विज्ञापन दे रहे है , मप्र की जनता तक ये अख़बार नही पहुँच पाते , कमलनाथ सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का सही तरह से प्रचार प्रसार नही हो पाता है, इसी लिए मप्र से प्रकाशित होने वाले अख़बारों को प्राथमिकता के साथ विज्ञापन देने से मप्र के कोने कोने में प्रदेश सरकार की उपलब्धियां जन जन औऱ आम मतदाता तक पहुंचेगी !


*कमीशन की चक्की में पिस रहे है मप्र के छोटे,मध्यम अखबार*


जनसंपर्क विभाग की विज्ञापन शाखा के अधिकारीयों ने मध्यप्रदेश से प्रकाशित होने वाले छोटे, मझोले अख़बारों को योजनाबद्ध तरीक़े से बन्द कराने का ड्राफ्ट तैयार किया है ! जिसके तेहत इन अख़बारों को विज्ञापन देना बन्द कर दिये है ! कुछ चुनिंदा अख़बारों को मोटे कमीशन की शर्त पर विज्ञापन दिये जा रहे है, औऱ जो इनको कमीशन देने में असमर्थ है उसे विज्ञापन नही दिये जा रहे है! जनसंपर्क विभाग की इस कमीशनखोरी की चक्की में मप्र के छोटे, मध्यम अख़बार पिस रहे है !


*लुटेरी कमीशन सेना*


जनसंपर्क विभाग में पिछले एक वर्ष से लुटेरी कमीशन सेना ने जन्म लिया है ! मौजूदा समय में इस सेना की तूती बोल रही इस भ्रष्ट सेना के आगे विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी बौने साबित हो रहे है इस कमीशन सेना को बड़ा आशीर्वाद प्राप्त है खुद भी खाओ हमे भी खिलाओ की तर्ज पर करोड़ो रुपए का कमीशन हर महीने डकार रहे है ! जब ही तो कितनी भी शिकायते कर लो, कोई कार्यवाई नही होती है भ्रष्टाचारियो को पूरा पूरा संरक्षण प्राप्त है !


*PMJA का महाआंदोलन जल्द*


जनसंपर्क विभाग मे पिछले एक वर्ष से चल रही कमीशनखोरी औऱ छोटे समाचार पत्रों के साथ अपनाई जा रही भेदभावपूर्ण नीतियों तथा *मुख्यमंत्री कमलनाथ की इस विभाग पर ढीली पकड़ आदि कई विषयों पर आधारित नुक्कड़ नाटक का आयोजन शहर के चुनिंदा चौराहों पर किया जाएगा, प्रिंट मीडिया जर्नलिस्ट एसोसियेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज़ भारतीय ने कहा जनसंपर्क विभाग मुख्यमंत्री कमलनाथ को अस्थिर करने का षड़यंत्र रच रहा है* दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक समाचार पात्रो को विज्ञापन देने के मामले मे जनसंपर्क संचालनालय के अधिकारियो द्वारा बार बार बजट का अभाव बता कर विज्ञापन नही दिए जा रहे है, लेकिन इछावर के भाजपा नेता के साप्ताहिक समाचार पत्र को 2 लाख का विज्ञापन दिया गया है जिसका कोड -H-285 है आदेश क्रं D- 16237 तथा आदेश दिनांक 31/12/2020 है ! और शीध्र ही उक्त विज्ञापन का भुगतान भी होने वाला है ! जबकि लघु समाचार पात्रो का भुगतान एक वर्ष नही हुआ है !


रघु मालवीय 
प्रदेश प्रभारी 
प्रिंट मीडिया जर्नलिस्ट एसोसियेशन (pmja) 
9993312022


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