मप्र में प्रतिबंधित दवा बेचने वाली 6 दवा कम्पनियों पर लगा 3 माह का प्रतिबंध
भोपाल(मप्र)
प्रतिबंधित दवाओं की खरीदफरोख्त करने वालों के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार ने ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान की शुरूआत की है.अभियान के तहत,सूबे का स्वास्थ्य विभाग प्रतिबंधित दवाओं की खरीद-फरोख्त करने वालों की धरपकड़ में जुट गया है.एक्शन प्लान के तहत, विभागीय अधिकारी चरणबद्ध तरीके से ड्रग माफियाओं पर कार्यवाही कर रहे है. अब तक की कार्रवाई में सूबे की छह दवा कंपनियों पर 3 माह का प्रतिबंध लगाया जा चुका है.
स्वास्थ्य विभाग की नजर पर दवा माफिया पर
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में अब कमलनाथ सरकार का डंडा नकली दवा कारोबार पर चलने को तैयार है. सरकार ने प्रतिबंधित और नकली दवा का कारोबार करने वालों पर सख्ती की तैयारी कर ली है. इसकी शुरुआत में सरकार ने छह दवा कंपनियों पर एक्शन लेते हुए तीन महीने का प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार ने अब बड़ी कंपनियों के खिलाफ एक्शन कर कार्यवाही करने का मूड बनाया है,जो मरीजों को प्रतिबंधित दवाएं बेच रही है या फिर उसका स्टाक कर रखे है.
*इन कंपनियों पर हुई कार्रवाई
वडोदरा गुजरात की भारत पेरेन्ट्रल दवा कंपनी ने सेफेड्रोक्सिल टैबलेट 500 (एमजी) और कैल्शियम ग्लूकोनेट 10 मिग्रा.के ज्यादा रेट कोट किये.जेस्ट फार्मा इंदौर ने आइबूप्रोटेन टैबलेट(200 मिग्रा), टैरेल फार्मास्यूटिकल कांगडा हिमाचल प्रदेश ने सिल्वर सल्फेडाइजिन 500 ग्राम जार, अल्पा लैबोरेटरी इंदौर सिप्रो फ्लोक्सासिन 5 आई ड्रॉप, हीलर्स लैब लखनऊ मॉक्सी फ्लोक्सासिन टैबलेट (400 मिग्रा),नैन्ज मेडसाइंस फार्म सिरमौर हिमाचल प्रदेश ने सिल्वर सल्फाडाईजिन 500 के रेट डीपीसीओ से निर्धारित दरों से ज्यादा कोट किये. मप्र पब्लिक हेल्थ कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने इस गड़बड़ी को पकडने के बाद कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर जुर्माना लगाया है.
मप्र में प्रतिबंधित दवा बेचने वाली 6 दवा कम्पनियों पर लगा 3 माह का प्रतिबंध