Maha Shivaratri 2020: महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का देवी पार्वती के साथ विवाह संपन्न हुआ था। इसलिए इस दिन का खास महत्व
Maha Shivaratri 2020: भगवान भोलेनाथ को सृष्टि का पालनहार कहा जाता है। वो जगत के उद्धारक है और सृष्टि के सभी जीवों को अभय देने वाले हैं। उनकी कृपा से जगत का संचालन होता है और उनके स्मरण मात्र से प्राणीमात्र का कल्याण हो जाता है। महादेव की कृपा पाने की ईच्छा हर किसी की होती है। भोलेनाथ जिसके ऊपर प्रसन्न हो जाते हैं उसको जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति सहज तरीके से हो जाती है। भूतभावन की आराधना से भक्तों की सभी ईच्छाएं पूरी हो जाती है।
मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखकर विधि-विधान से महादेव की पूजा करने से शिव उपासकों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है। महाशिवरात्रि का त्यौहार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है। इस साल महाशिवरात्रि का त्यौहार 21 फरवरी शुक्रवार को मनाया जाएगा।
महाशिवरात्रि है शिव आराधना का दिन
महादेव की आराधना का फल भक्तों को पूरे साल मिलता है, लेकिन विशेष अवसरों पर की गई आराधना विशेष फलदायी होती है , जिससे भक्तों की सभी ईच्छाएं पूर्ण हो जाती है। सोमवार को शिव का वार कहा जाता है। इस दिन महादेव की पूजा का विधान है। सावन मास शिव को समर्पित मास है। इस मास में शिव आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। प्रदोष तिथि में प्रदोष काल में शिव पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। हर महीने में एक शिवरात्रि तिथि आती है इस दिन शिव पूजा का उत्तम फल मिलता है। इसी तरह साल में एक बार आने वाली महाशिवरात्रि का शिवपूजा में विशेष महत्व है।
महाशिवरात्रि के दिन महादेव देवी पार्वती के साथ परिणय सूत्र में बंधे थे। उनकी बारात भी विचित्रताओं से परिपूर्ण थी। प्रेत, राक्षस , देव, दानव सभी उनके बाराती थे। इसलिए जब बारात देवी पार्वती के महल में पहुंची तो कई लोग बारात देखकर भयभीत हो गए थे।
महाशिवरात्रि तिथि और शुभ मुहूर्त
प्रारंभ - 21 फरवरी शुक्रवार को शाम 5 बजकर 20 मिनट से
समापन - 22 फरवरी शनिवार को सात बजकर 2 मिनट तक