भारतीय इतिहास के अमर राजाओं में से एक चंद्रगुप्त मौर्य थे।
अपनी वीरता से सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी साबित किया था, लेकिन अपने अंतिम समय में चंद्रगुप्त मौर्य ने जैन धर्म को ग्रहण कर लिया, जैन धर्म के संथारा परिती से अपने प्राण को त्याग कर दिया।